जानिए Janmashtami Muhurat | Janmashtami Wishes in Sanskrit

Janmashtami Wishes in Sanskrit: जैसा की त्योहारे अब चालू हो चुके जैसे जैसे की पहले सावन ओर अब 16 अगस्त 2025 को जन्माष्टमी आने वाली है। इस दिन श्री कृष्ण का जनम हुआ था। तो इस लेख में हम जन्माष्टमी की शुभकामनाएं बताने जा रहे है जो कि हिंदी, संस्कृत और मराठी में होगी। इसके साथ हम आपको जन्माष्टमी का सही मुहूर्त और इसकी व्रत की विधि भी बताएंगे जिससे आपको व्रत रखने में आसानी होगी। साथ ही साथ जन्माष्टमी की डेकोरेशन की कुछ तस्वीर दिखने जा रहे है।

Janmashtami कब है? | Janmashtami Muhurat 2025

जैसा की अब त्योहारों का समय चालू हो गया है, वैसे ही अब श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी 16 अगस्त 2025 को है। इसमें बहुत लोगों को सही से पता नहीं है की जन्माष्टमी 15 अगस्त को या 16 अगस्त को है और इसका सही मुहूर्त क्या है। तो जन्माष्टमी 15 अगस्त 2025 को रात्रि 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू है और 16 अगस्त 2025 को रात्रि 9 बजकर 34 मिनट बार समाप्त है। जन्माष्टमी का पूजा करने का मुहूर्त 16 अगस्त 2025 को रात 12 बजकर 4 मिनट पे शुरू हो कर 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, जो कि कुछ 43 मिनिट का होगा मतलब आपको इस बीच पूजा का चालू करके अपनी पूजा को समाप्त कर देना होगा।

जानिए Janmashtami Muhurat | Janmashtami Wishes in Sanskrit

Janmashtami Wishes In Hindi

अगर आपको अपने करीबियों को जन्माष्टमी की बधाई देनी है तो आप कुछ अलग तरह से दे सकते जो की आपको नीचे मिल जाएगा। नीचे आपको 10 खूबसूरत और अच्छे Janmashtami wishes quotes in hindi मिल जाएगा।

  1. आपके जीवन में श्रीकृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन गूंजती रहे और खुशियों की बौछार होती रहे। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  2. श्रीकृष्ण की कृपा से आपका और आपके परिवार का जीवन आनंद, प्रेम और समृद्धि से भरा रहे। जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
  3. राधा-कृष्ण का प्रेम आपके जीवन में भी अमर हो, ये जन्माष्टमी पर मेरी शुभकामना है।
  4. बांसुरी की धुन, माखन की मिठास और कान्हा का आशीर्वाद, आपके जीवन में सदा बना रहे।
  5. जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, आपके जीवन में सुख, शांति और प्रेम बना रहे।
  6. कृष्ण की भक्ति और राधा का प्रेम, आपके जीवन को सदा रोशन रखे। शुभ जन्माष्टमी!
  7. श्रीकृष्ण के चरणों में आपका मन और जीवन में सदा सुख-समृद्धि का संचार हो।
  8. माखनचोर कान्हा के आशीर्वाद से आपके घर में हमेशा खुशियों की बौछार हो।
  9. राधा-कृष्ण का पावन प्रेम आपके रिश्तों में भी मिठास और अपनापन बना रहे।
  10. श्रीकृष्ण की बाँसुरी की मधुर धुन से आपका मन प्रसन्न और जीवन मंगलमय हो।

Janmashtami Wishes In Sanskrit

अगर आपको और भी खूबसूरत शुभकामनाएं देनी है तो आप संस्कृत में दे सकते है, संस्कृत में शुभकामनाएं देने से सामने वाले को लगेगा की आप बहुत धार्मिक है और आपको संस्कृत के बारे में बहुत चीज पता ही। तो नीचे आपको 10 खूबसूरत Janmashtami Quotes in Sanskrit मिल जाएगा।

  1. यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, तदा श्रीकृष्णः अवतीर्य लोकं पावयति। जय कृष्णजन्माष्टमी!
  2. श्रीकृष्णजन्माष्टम्याः पावने दिने भवतः जीवनं प्रेमभक्त्या च पूर्यताम्। गोविन्दकृपया सर्वे दुःखानि नश्यन्तु।
  3. राधामाधवयोः चरणारविन्दयोः भक्तिः भवतः जीवनं चिरकालं सुशोभयतु।
  4. वेणुगीतस्य मधुरिमा, नवनीतस्य माधुर्यं च भवतः जीवनं मंगलमयम् करोतु।
  5. कृष्णनामस्मरणेन हृदये शान्तिः, जीवनस्य सर्वत्र विजयः च प्राप्यताम्
  6. गोपालस्य कृपया भवतः मनः सदा प्रसन्नं, पथः च सुगमः भवेत्।
  7. जय कन्हैयालाल की! यस्य स्मरणमात्रेण दुःखं नश्यति, हर्षः वर्धते।
  8. कृष्णजन्माष्टम्याः पुण्यस्मृत्या भवतः गृहे प्रेम, शान्ति, समृद्धयः वसन्तु।
  9. कृष्णनाममृतं पिबत, दुःखानि त्यजत, आनन्दं स्वीकरोतु। जन्माष्टमी शान्तिदायिनी भवतु।
  10. गोपवेषधराय गीता-उपदेशकाय नमः। कृष्णजन्मोत्सवः भवतः जीवनं प्रकाशयतु।

Janmashtami Wishes In Marathi

अगर आपको किसी को मराठी में शुभकामनाएं देनी अच्छी लगती है ,तो आपको नीच 10 खूबसूरत Janmashtami Quotes in Marathi मिल जाएगी।

  1. कान्हाच्या पावलांची चाहूल लागो, आणि तुमच्या आयुष्यात आनंदाचं गोकुळ वसावं.
  2. मुरलीच्या नादानं मन गाऊ लागो, आणि आयुष्य गोड आठवणींनी भरून जावो.
  3. राधे-कृष्णाच्या प्रेमाचा सुगंध तुमच्या नात्यांमध्ये सदैव दरवळत राहो.
  4. कृष्णजन्माच्या या मंगल क्षणी, तुमच्या मनातील प्रत्येक इच्छा पूर्ण होवो.
  5. गोपालाच्या हास्यासारखं तुमचं मनही नेहमी हसत राहो.
  6. माखनाच्या गोडव्यासारखी गोडी तुमच्या आयुष्यात नांदो.
  7. रासलीलेच्या तालावर तुमचं आयुष्यही आनंदाने नाचत राहो.
  8. कृष्णनामाचा जप तुमच्या घराला शांती, प्रेम आणि सुख देऊ दे.
  9. कान्हाच्या गोकुळासारखं तुमचं जीवनही हसतमुख आणि प्रेमळ राहो.
  10. जन्माष्टमीच्या या पावन दिवशी तुमचं आयुष्य भक्तीच्या प्रकाशानं उजळून निघो.

Janmashtami Vrat Vidhi

अगर आप भी हमेशा जन्माष्टमी व्रत करते है या जन्माष्टमी व्रत चालू करना चाहते है, तो आप आगे पढ़ सकते है। जन्माष्टमी का व्रत सुबह स्नान करके और साफ-सुथरे कपड़े पहनकर शुरू होता है। पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र किया जाता है, और फिर हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने का संकल्प लिया जाता है। इसके बाद, एक चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर उस पर बाल गोपाल की मूर्ति या झांकी स्थापित की जाती है। मूर्ति को पहले पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से स्नान कराया जाता है, फिर उसे साफ पानी से धोकर सुंदर वस्त्र पहनाए जाते हैं और फूलों से सजाया जाता है। पूजा में तुलसी पत्र, फूल, माखन-मिश्री, मोर पंख, बांसुरी, धूप-दीप और अगरबत्ती का इस्तेमाल किया जाता है। दीप जलाकर “ॐ कृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करते हुए भगवान को अर्पित किया जाता है। भक्त दिनभर व्रत रखते हैं और रात 12 बजे, जो श्रीकृष्ण का जन्म समय माना जाता है, उत्सव मनाते हैं। इस समय शंखनाद, घंटानाद, भजन-कीर्तन का माहौल बनता है।

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